सहज गीता : संपूर्ण गीता सहज हिंदी कविता रूप में
by अविनाश कुमार
- New Delhi : Prabhat Prakashan, 2023.
- 152 p.
कृष्ण से अर्जुन ने अपने, दुःख का किया बखान,
युद्ध नहीं करूँगा मैं, यह निश्चित है भगवान।
मंद मंद मुसकाए केशव, इच्छा अर्जुन जान,
अपने रथ को रणभूमि के, बीच दिया स्थान।
क्षत्र भाव होते भी यदि तू, मोह से कर्म भुलाएगा,
तेरा मूल धरम ही तुझसे, यही युद्ध करवाएगा।
आत्म हुआ था कभी न पैदा, न ही मारा जाएगा,
न फिर पैदा और मरेगा, रूप बदलता जाएगा।
‘सहज गीता’ भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य संदेश व गीताजी में समाहित अथाह ज्ञान, दिव्य, गूढ़ और सर्वथा प्रासंगिक संदेशों को सरल व सहज भाषा में जनमानस तक पहुँचाने का अद्भुत प्रयास है।